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Journal
सुमंगलम् प्रभा
(लोकमंगल की त्रैमासिक शोध पत्रिका)
ISSN : 2250-1894
RNI : UPHIN/2009/31180
SUMANGALAM PRABHA
Research journal of Humanities
Intellectual effort on social values
A peer reviewed (Refereed) & open access journal
‘सुमंगलम् प्रभा’ एक त्रैमासिक शोध पत्रिका है, जो लोकमंगल, संस्कृति, धर्म और समाज के विविध पक्षों पर गहन शोध एवं चिंतन को प्रोत्साहित करती है। यह पत्रिका लोककल्याणकारी विषयों पर आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिक परंपराओं के विश्लेषणात्मक अध्ययन को प्रस्तुत करती है।
पत्रिका में समाज सुधार, शिक्षा, नैतिक उत्थान, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक चेतना से जुड़े शोध-पत्र, समीक्षाएं और समसामयिक विषयों पर विद्वानों के विचारों को स्थान मिलता है। ‘सुमंगलम् प्रभा’ का उद्देश्य ज्ञानवर्धक और तथ्यपरक सामग्री के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना और शोध के क्षेत्र में नवीन दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना है।
सुमंगलम् प्रभा (जनवरी – मार्च २०२५)

- सनातन संस्कृति का अद्भुत महाकुंभ- साधक राजकुमार
- वैदिक काल में वेध-परम्परा से मुहूर्त ज्ञान तथा सम्प्रति उपादेयता- डॉ0 अनिल कुमार पोरवाल
- कुम्भ पर्व विमर्श- डॉ0 बिपिन कुमार
- महाकुंभ: धर्म एवं विज्ञान के अदभुत समन्वय का सनातन पर्व- डॉ0 तृप्ति दीक्षित
- आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम महाकुंभ- डॉ0 हरनाम सिंह
- महाकुंभ की महामाया- डॉ0 शिवकुमार सिंह कौशिकेय
- एकात्मता का प्रतीकः महाकुम्भ- डॉ0 राघवेन्द्र प्रताप सिंह
- वैदिक युग में संगीत का स्थान- आभा श्री, प्रो0 संध्या रानी शाक्य
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण- मिथिलेश कुमार माहथा
- सतत विकास लक्ष्य(SDG’s) और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR): एक समीक्षा- जितेन्द्र भारती
- Impact Of The Ganga River Water on Former’s Crops- Savita Gupta, Dr. B.N. Pandey
