सुमङ्गलसंवाद

#साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।अर्थात ..इस संसार में ऐसे सज्जनों की जरूरत है जिनका स्वभाव अनाज साफ़ करने वाला सूप जैसा हो । जो सार्थक को ग्रहण कर, निरर्थक को उड़ा देता है । – पू.#कबीरदास जी #सुमङ्गलसंवाद

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