INSTRUCTION

“सुमंगलम प्रभा” शोध जर्नल है जिसमे सामाजिक विषय एवं मानविकी के  विषयों से सम्बंधित सभी उपविषयों के मौलिक शोध-पत्र, शोध समीक्षा, विचार, लेखों आदि का भी प्रकाशन किया जाता है। शोधकर्ता हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में अपने शोध पत्र भेज सकते हैं। शोध पत्र

भेजते समय कृपया निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दें –
शोध-पत्र अधिकतम 3000 शब्दों तक में हों तथा 150 शब्दों का सारांश भी प्रेषित करें।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची का उल्लेख अवश्य करें।  सन्दर्भ ग्रन्थ सूची में लेखक का उपनाम, मुख्य नाम, पुस्तक का नाम, प्रकाशन का वर्ष एवं पृष्ठ संख्या अंकित होना चाहिए। पत्रिका के सन्दर्भ में लेख का शीर्षक, पत्रिका का नाम, अंक, पृष्ठ क्रम एवं प्रकाशन वर्ष दें।
शोध-पत्र A -4 साइज़ के कागज पर कंप्यूटर से एक तरफ मुद्रित हो।
शोध-पत्र Microsoft Office Word में  हिंदी में Krutidev 10   के Font Size 12  तथा अंग्रेजी में Time New Roman Font Size 10 में टाइप करवाकर भेजें।

शोध पत्रों की  स्वीकृति एवं अस्वीकृति का अंतिम निर्णय सम्बंधित विषय के दो विशेषज्ञो कि अनुशन्सा ( Expert comments of Referees) से संपादक मण्डल द्वारा लिया जाता है। इस संबन्ध में अन्तिम अधिकार संपादक को प्राप्त है जो सभी सदस्यो  को मान्य होगा। शोध पत्र प्रथम दृष्ट्या स्वीकृत  हो जाने पर लेखक को समीक्षा शुल्क 700/- (आजीवन सदस्यों के लिए प्रथम शोध आलेख हेतु निःशुल्क ) प्रेषित करना होगा।

Plagiarism

शोध पत्र के प्रकाशन हेतु संपादक के नाम पत्र होना चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से शोध पत्र के सम्बन्ध में ” मौलिक एवं अप्रकाशित ” शब्द लिखा होना चाहिए और इसे अन्यत्र न भेजे जाने की पुष्टि हो । इस सम्बन्ध में वेबसाइट पर उपलब्ध certification of originality डाउनलोड करें एवं उसे आलेख के साथ प्रेषित करें.

शोध पत्र में सारणी एवं चित्रों का प्रयोग लेख के बीच में न करते हुए  अंत में सन्दर्भ या संलग्नक के रूप में करें।
शोध पत्र ई-मेल द्वारा निम्न ई-मेल पते पर अथवा वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारूप  के निम्न लिंक में भर कर भेजा जा सकता है:-ई-मेल पता –Submit your article : ed.sumangalamprabha@gmail.com

ओपन एक्सेस जर्नल:-

यह एक ओपन एक्सेस जर्नल है, जिसका अर्थ है कि सभी सामग्री उपयोगकर्ता या उसके संस्थान को बिना किसी शुल्क के स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है। उपयोगकर्ताओं को प्रकाशक या लेखक से पूर्व अनुमति लिए बिना लेखों के पूर्ण पाठ को पढ़ने, डाउनलोड करने, कॉपी करने, वितरित करने, प्रिंट करने, खोजने या लिंक करने या किसी अन्य वैध उद्देश्य के लिए उनका उपयोग करने की अनुमति है। 

शोध पत्र लिखते समय कृपया ध्यान दें :-
(शोध पत्र में  होने वाली सामान्य त्रुटियाँ)
आलेख में नई एवं मौलिक उदभावनाओं/अवधारणा के प्रतिपादन का अभाव एवं पूर्व स्थापित अवधारणा/मान्यता, स्थापना आदि का पिष्टपेषण।
शोध आलेख का तार्किक एवं श्रन्खलाबध न होना और शब्दजाल की अनावश्यक उपस्थिति।
सन्दर्भ साहित्य का अपर्याप्त अध्ययन।
त्रुटिपूर्ण तथ्यों एवं आंकड़ो का उल्लेख।
पाठ में उल्लिखित सन्दर्भ का लेख के अंत में दी गयी सन्दर्भ सूची में न लिखा जाना।
सन्दर्भ में पुस्तक के संस्करण का न लिखा जाना।
पाठ में व्याकरण त्रुटियों का न होना।
वाक्य में काल का असंगत होना।
लेखक के द्वारा आलेख शुद्ध करते समय शब्द /पद /वाक्य का लोप हो जाना।
लेख का अपेक्षाकृत बड़ा हो जाना।
विषय प्रतिपादन में विषय का अस्पष्ट होना।
तथ्यों, भावों या विचारों की पुनरावृत्ति।


शोध संचयन में शोध आलेख प्रकाशन की निम्न चरणबद्ध प्रक्रिया के पालन से शोध कार्य त्रुटिहीन और गरिमापूर्ण बनता है।
1. शोध आलेख में प्राय: होने वाली ऊपर लिखी गयी सामान्य त्रुटियों को देखें

  1. निर्देशित शोध प्रविधि एवं शोध प्रकाशन के मानदंडों के आधार पर अपने शोध पत्र लिखें
  2. अपने शोध पत्र के सारांश आदि को निम्न प्रविष्टियों में प्रेषित करें
  3. अपने शोध सारांश पर संपादकीय स्वीकृति की प्रतीक्षा करें
  4. अपना पूर्ण शोध पत्र निम्नानुसार प्रेषित करें
  5. विशेषज्ञों द्वारा अपने शोधपत्र की समीक्षा प्राप्त होने तक प्रतीक्षा करें
  6. मान्य विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए निर्देशों के अनुसार शोध आलेख में अपेक्षित संशोधन करें
  7. पुन: संशोधित पत्र प्रेषित करें
  8. प्रकाशित शोध पत्र देखें
  9. अपने प्रकाशित शोध पत्र को विविध उपलब्ध माध्यमों पर प्रसारित करें जिससे आपके शोध कार्य की गरिमा बढ़े